: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की खबरों पर अरविंद केजरीवाल ने विराम लगा दिया है। केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना नहीं है।
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आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात अंतिम चरण में है। गठबंधन में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के अलावा इंडिया गठबंधन के कुछ अन्य दलों को भी शामिल करने की बात सामने आई। कहा जा रहा था कि कांग्रेस को 15 सीटें और अन्य इंडिया गठबंधन सदस्यों को 1 या 2 सीटें मिल सकती हैं। बाकी सीटों पर आम आदमी पार्टी खुद चुनाव लड़ेगी।
दिल्ली में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी AAP: केजरीवाल
एएनआई की ओर से सूत्रों के हवाले से किए गए दावे पर अरविंद केजरीवाल (Delhi Election 2025) ने जवाब देते हुए खंडन किया। केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर एनआई के पोस्ट पर जवाब देते हुए कहा, ‘आम आदमी पार्टी दिल्ली में इस चुनाव में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ गठबंधन को कोई संभावना नहीं है।’
कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं: संजय सिंह
आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होने जा रहा है। आप अकेले ही चुनाव लड़ेगी।’
गठबंधन का सवाल ही पैदी नहीं होता: राघव चड्ढा
आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा ने कहा, ‘मैं स्पष्ट कर देता हूं कि आने वाला दिल्ली चुनाव आप अपने संगठन की ताकत और अपने राजनीतिक बलबूते पर लड़ेगी। किसी प्रकार का कोई गठबंधन का सवाल ही पैदी नहीं होता।’
दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Election 2025) के लिए आम आदमी पार्टी अब तक दो सूची जारी कर चुकी है। पहली सूची में पार्टी 11 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान किया। वहीं, दूसरी सूची में सोमवार को 20 सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित किए गए।
जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में अगले साल 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उम्मीद है कि फरवरी में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। जनवरी में चुनाव आयोग चुनावों की तारीख का एलान भी सकता है। दिल्ली में कांग्रेस आप के बीच कोई गठबंधन नहीं हुआ है। वहीं भाजपा भी चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है। 2020 में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था और 70 में से 62 सीटें जीती थीं। भाजपा के खाते में 8 सीटें गई थीं, जबकि कांग्रेस के हाथ खाली रहे थे।
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