Maha kumbh Prayagraj : मौनी बाबा का भव्य शिविर तैयार,5.51 करोड़ रुद्राक्ष, 11,000 त्रिशूल से होगा द्वादश ज्योतिर्लिंग का भव्य शृंगार

Maha kumbh Prayagraj

Maha kumbh Prayagraj : प्रयागराज के मेला क्षेत्र के सेक्टर-छह स्थित बजरंगदास मार्ग पर मौनी बाबा का भव्य शिविर तैयार हो रहा है। यहां 5.51 करोड़ रुद्राक्ष और 11,000 त्रिशूल से द्वादश ज्योतिर्लिंग का भव्य शृंगार किया जाएगा। इसके साथ ही 108 हवन कुंड में 125 करोड़ आहुति और 11 करोड़ वैदिक मंत्र से संगम नगरी गुंजायमान होगी।

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गौरीगंज, अमेठी से आए बाल ब्रह्मचारी स्वामी अभय चैतन्य फलाहारी उर्फ मौनी बाबा महाराज बताते हैं, महाकुंभ (Maha kumbh Prayagraj) भव्य और आस्था से परिपूर्ण हो, इस संकल्प के साथ 10,000 गांवों की पैदल यात्रा करके यहां आए हैं। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की संकल्प को लेकर विशेष यज्ञ की भी तैयारी है।

बाबा ने बताया कि शिविर में बनाए जा रहे द्वादश ज्योतिर्लिंग का 5.51 करोड़ रुद्राक्ष और 11,000 त्रिशूल से भव्य शृंगार किया जाएगा। यहां 108 हवन कुंड बनाए जा रहे हैं। इसमें सवा करोड़ दीपक जलाए जाएंगे। 13 जनवरी को प्रथम स्नान पर वह शिविर से लेटते हुए संगम स्नान करने जाएंगे।

उधर, शिविर में बनी त्रिशूल की दीवारें और बोरियों में रखे गए रुद्राक्ष की मालाएं लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। रास्ते से गुजरने वाले शिविर की भव्यता को देखकर सेल्फी लेने से खुद को रोक नहीं पा रहे हैं।

पहली बार जंक्शन पर तैनात किए गए कोरस कमांडो

आतंकी पुन्नू की गीदड़ भभकी के बाद प्रयागराज जंक्शन पर पहली बार कोरस कमांडो तैनात किए गए हैं। शुक्रवार को आरपीएफ के महानिरीक्षक अमिय नंदन सिन्हा ने जंक्शन पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। आईजी आरपीएफ ने निरीक्षण के दौरान स्टेशन के सभी प्रवेश द्वारों, प्लेटफॉर्म, फुट ओवर ब्रिज, सिटी साइड और सिविल लाइंस साइड की व्यवस्थाओं को परखा। जंक्शन पर 1100 आरपीएफ कर्मियों को तैनात किया गया है।

2025 का आधिकारिक एक्स अकाउंट सस्पेंड : महाकुंभ

2025 का आधिकारिक एक्स अकाउंट शुक्रवार दोपहर अचानक सस्पेंड कर दिया गया। इसके बाद से अकाउंट खोलने पर महाकुंभ संबंधी सभी अपडेट भी गायब हो गए। चर्चा अकाउंट हैक होने की भी रही, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।

धार्मिक-सामाजिक-आर्थिक पहलुओं और जल-मौसम-कूड़े पर करेंगे शोध

महाकुंभ मेले के दौरान शोध के क्षेत्र में भी नए आयाम स्थापित होंगे। संगम जल, मौसम, आयोजन के धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक समेत अन्य पहलुओं पर अध्ययन होंगे, साथ ही डाटा बेस तैयार किए जाएंगे। इसके लिए मेला प्रशासन और संस्थाओं के बीच समझौते हुए हैं। कूड़े और उसके दुष्प्रभाव पर बंगलूरू विवि कर रहा अध्ययन मेला क्षेत्र से निकलने वाले कचरे एवं सीवेज के अलावा उनके निस्तारण की व्यवस्था का हिसाब रखा जाएगा।

क्षेत्र के अलावा आसपास के मोहल्लों में इसके पड़ने वाले दुष्प्रभाव व बचाव के लिए किए गए उपायों का भी लेखा-जोखा तैयार होगा। इस पर बंगलूरू विश्वविद्यालय अध्ययन करेगा। मेला प्रशासन व विवि के पर्यावरण विज्ञान विभाग के साथ समझौता हुआ है।

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