‘दृढ़ संकल्प और सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर सुभाष रावत ने बदल डाली अपनी जिंदगी।‘‘

 

 

‘‘मत्स्य विभाग/मनरेगा युगपतिकरण में 03 लाख की धनराशि से कराया आदर्श तालाब निर्माण कार्य।‘‘

 

‘‘जनपद का प्रथम मोबाइल फिश आउटलेट स्थापना हेतु सुभाष को मिली 10 लाख की आर्थिक सहायता।‘‘

 

‘‘जिला उद्योग केन्द्र टिहरी में नामांकन कर उद्यमशीलता विकास का प्रशिक्षण लेकर विकसित किया मत्स्य कलस्टर, बने रोल मॉडल।‘‘

 

‘‘आत्मा योजनान्तर्गत सुभाष रावत किसान श्री से सम्मानित।‘‘

 

कोरोना महामारी किसी के लिए काल बनकर आई तो किसी का रोजगार छीन ले गई। ऐसे ही टिहरी जिले के स्यांसु गांव में रहने वाले सुभाष रावत के साथ हुआ, जो कोविड के दौरान अपनी नौकरी खो बैठे। सुभाष अपनी बिगड़ती आर्थिक स्थिति देख अन्य विकल्प तलाशने लगे। उन्होंने जिला उद्योग केन्द्र टिहरी में नामांकन कर उद्यमशीलता विकास का प्रशिक्षण लिया और मत्स्य कलस्टर विकसित करने हेतु एक्वाफर्मिंग स्थान की तलाश की तथा बेरोजगार या आंशिक रूप से नियोजित युवाओं को प्रेरित कर इस उद्यम में शामिल कर जमीन पट्टे पर ली।

 

सुभाष ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिला योजनान्तर्गत मनरेगा युगपतिकरण में 03 लाख की धनराशि से आदर्श तालाब निर्माण करवाया, जिसमें मत्स्य विभाग द्वारा 01 लाख 30 हजार तालाब निर्माण हेतु तथा 20 हजार निवेश हेतु अनुदान दिया। साथ ही मनरेगा द्वारा श्रमांश हेतु 78 हजार व 52 हजार की सामग्री उपलब्ध कराई गई, जबकि 20 हजार सुभाष ने व्यय किया। वित्तीय वर्ष 2021-22 में मत्स्य विभाग ने मत्स्य उत्पादों को बढ़ावा देने तथा जागरूकता हेतु जिला योजना के अन्तर्गत एक मोबाइल फिश आउटलेट की स्थापना की तथा इच्छुक व्यक्तियों से आवेदन मांगे गये। सुभाष ने मौके का फायदा उठाते हुए आवेदन किया और समिति ने उनके आवेदन का सर्वोच्च पाया। सुभाष को मोबाइल फिश आउटलेट की स्थापना हेतु 10 लाख की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में दी गई।

 

सुभाष रावत का तालाब ऋषिकेश-चम्बा-उत्तरकाशी मार्ग पर स्थित है और क्षेत्र में ताजा मछली की अत्यधिक मांग के चलते विपणन की कोई समस्या नही ंहै। सुभाष अपने मोबाइल आउटलेट के माध्यम से मछली से बनाये गये विभिन्न व्यंजन भी बेच रहे हैं। उनके द्वारा भारतीय मेजर कार्प् और विदेशी कापर्् के साथ पंगास मछली का सफलतापूर्वक उत्पादन किया जा रहा हैं। उनके द्वारा वैज्ञानिक मत्स्य पालन कर कुल मछली बायोमास का प्रतिदिन 2-3 प्रतिशत की दर से फीड/मत्स्य आहार मछलियों को दिया जाता है। साथ ही बीमारी और वृद्धि की निगरानी के लिए नियमित रूप से सैम्पलिंग की जा रही है। उनके तालाब और पूरे क्लस्टर में वर्तमान स्टॉक क्रमशः 5 क्विंटल और 40 क्विंटल होने का अनुमान है। मत्स्य पालन और मोबाइल आउटलेट से उनकी आय लगभग 7.5 लाख है जबकि शुद्ध लाभ लगभग 2.2 लाख है। मत्स्य पालन से मिल रहे बेहतर लाभ के चलते वह अधिक संख्या में मत्स्य तालाब विकसित करने की योजना बना रहे हैं।

 

सुभाष रावत अपने गांव और आसपास के क्षेत्रों में एक आदर्श के रूप में उभर कर सामने आए है तथा उन्होंने ग्रामीणों को मछली किसान बनने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके निरंतर प्रयासों के कारण वर्तमान में 8 परिवारों की जरूरतों को पूरा करने के लिए साइट पर 8 तालाब उपलब्ध हैं। क्षेत्र में मत्स्य पालन कार्यों से प्रभावित हो कर ग्राम स्यांसू के एक महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा एक बायोफलाक टैंक का निर्माण भी किया गया है। जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि सुभाष रावत एक सफल मत्स्य उद्यमी है और क्षेत्रांतर्गत एक मॉडल की भूमिका निभा रहे है।

 

वर्ष 2023-24 में सुभाष रावत के प्रयासों एवं सफलतापूर्वक मत्स्य पालन के दृष्टिगत उन्हें आत्मा योजनान्तर्गत किसान श्री सम्मान हेतु चयनित किया गया है। सुभाष रावत को मत्स्य पालन दिवस 10 जुलाई 2023 को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धाम द्वारा सम्मानित किया गया।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *