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उत्तराखण्ड पुलिस को तकनीक-सक्षम, संवेदनशील एवं प्रोफेशनल बल बनाना हमारा लक्ष्य – डीजीपी दीपम सेठ

देहरादून : पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय पुलिस समीक्षा गोष्ठी का आयोजन सरदार पटेल भवन स्थित सभागार में किया गया। इस महत्वपूर्ण गोष्ठी में प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, दोनों रेंज प्रभारियों, समस्त जनपदों के पुलिस प्रमुखों, वाहिनियों, रेलवे, STF, SDRF एवं अन्य विशेष इकाइयों के प्रमुख अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। गोष्ठी का प्रमुख उद्देश्य राज्य की कानून व्यवस्था की समग्र समीक्षा, अपराध नियंत्रण रणनीतियों का मूल्यांकन, पुलिस बल के कल्याण तथा बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने पर विचार-विमर्श करना था।

समीक्षा गोष्ठी में पुलिस महानिदेशक द्वारा महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा एवं विचार-विमर्श करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए-

वांछित अपराधियों, ईनामी, लंबित विवेचनाओं, एनबीडब्लू/कुर्की वारंट और नशा तस्करों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियानों की समीक्षा

अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- श्री वी. मुरूगेशन द्वारा वांछित अपराधियों, ईनामी घोषित अपराधियों और लंबित विवेचनाओं, वारंटों के निष्पादन व प्रचलित अभियानों में कार्यवाहियों का तुलनात्मक एवं विश्लेषणात्मक अवलोकन प्रस्तुत किया गया। पुलिस महानिदेशक द्वारा राज्यभर में अपराध नियंत्रण हेतु चलाए जा रहे विशेष अभियानों की प्रगति की गहन समीक्षा कर जनपदवार विवरणों के आधार पर दिशा-निर्देश दिए गए –

– वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु स्थानीय खुफिया तंत्र को सक्रिय करते हुए थानावार समीक्षा अनिवार्य की जाए।
– लंबित मामलों की समीक्षा और प्राथमिकता निर्धारण कर जल्द से जल्द निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
– विशेष टीमों का गठन कर इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु केंद्रित अभियान चलाया जाए।
– विवेचना में देरी हेतु उत्तरदायी कारकों की पहचान कर प्राथमिकता के आधार पर पुराने मामलों का निस्तारण किया जाए। विवेचकों की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाए।
– लंबित NBW एवं कुकी वारंटों की तामील हेतु थाना प्रभारियों को व्यक्तिगत उत्तरदायित्व सौंपा जाए। नियमित समीक्षा करते हुए उनकी तामील में तीव्रता लायी जाए।
– मादक पदार्थ विरोधी अभियान को सतत रूप से चलाया जाए। नशा तस्करी की रोकथाम हेतु हॉटस्पॉट चिन्हित कर नियमित चेकिंग, और बड़े रैकेट्स पर सम्पत्ति जब्तीकरण सहित PIT-NDPS के अंतर्गत कार्यवाही अमल में लायी जाए।
– डायल 112 में उन जनपदों में जहाँ Response Time अधिक है, वहां संसाधनों की पुनर्संरचना कर समयबद्ध प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाए।
– महिला सुरक्षा के लिए बीट स्तर पर जनसंपर्क अभियान चलाया जाए। Cyber Crime Helpline 1930 व साइबर सेल को और अधिक सुदृढ़ करते हुए विशेष रूप से स्कूल-कॉलेजों व संस्थानों में व्यापक रूप से साइबर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।
– गंभीर अपराधों में FSL व फील्ड यूनिट की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए मासिक समीक्षा की जाए।

नए आपराधिक कानूनों का क्रियान्वयन की समीक्षा व निर्देश
– नए आपराधिक कानूनों के मुख्य प्रावधानों- Zero FIR, e-FIR, और गंभीर अपराधों में फॉरेंसिक टीम की अनिवार्य उपस्थिति का अनुपालन सुनिश्चित करने पर चर्चा हुई। साथ ही, साक्ष्यों को डिजिटल माध्यम से अपलोड करने और समयसीमा में कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए गए।
– अपराधिक मामलों में तकनीकी उपकरणों के प्रभावी उपयोग के लिए CCTNS (Crime and Criminal Tracking Network & Systems) में डेटा की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया गया।

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