एबीवीपी व भाजायुमो के दिग्गज हुए एकजुट

देहरादून नगर निगम सीट पर युवा चेहरे को टिकट दिए जाने के बाद से युवाओं में ख़ासा उत्साह नज़र आ रहा है। सौरभ थपलियाल को मेयर पद के लिए अपना प्रत्याशी बनाकर BJP ने युवा वर्ग और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को एक बड़ा संदेश दिया है कि पार्टी युवाओं व समर्पित कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने का कार्य करती है। यही वजह है कि देहरादून जैसी महत्वपूर्ण सीट पर सौरभ को मेयर पद का उम्मीदवार बनाकर BJP ने युवाओं को साधने की कोशिश की है। सौरभ को टिकट मिलने के बाद से विद्यार्थी परिषद और युवा मोर्चा कार्यकर्ता एकजुट नज़र आ रहे हैं। इसमें ऐसे युवाओं की संख्या अधिक है जो कि मौजूदा समय राजनीति में सक्रिय नहीं थे। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से युवा सौरभ को अपना समर्थन दे रहे हैं इसकी बड़ी वजह है कि सौरभ थपलियाल ने विद्यार्थी परिषद से लेकर युवा मोर्चा के अध्यक्ष के तौर पर अपनी अलग पहचान बनायी है।

छात्र राजनीति से निकलने के बाद सौरभ थपलियाल ने स्वयं को भाजपा का एक क़द्दावर युवा चेहरे के तौर पर स्थापित किया है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता होने के दौरान भी सौदा अपने छात्र राजनीति में अपना एक अलग मुक़ाम स्थापित किया। राज्य के सबसे बड़े डीएवी महाविद्यालय में परिषद का पहला अध्यक्ष होने की उपलब्धि सौरभ के खाते में है। यही नहीं एक के बाद एक लगातार दो चुनाव जीतने का ख़िताब भी सौरभ के ही नाम है। राज्य के नामी महाविद्यालय में शुमार DAV कॉलेज में 1999 में सौरभ रिकॉर्ड मतों से छात्र संघ के महासचिव का चुनाव जीते और ठीक उसके अगले ही साल 2००० में छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव जीत अपने नाम एक रिकॉर्ड स्थापित किया।

महज DAV कॉलेज ही नहीं बल्कि छात्र महासंघ के महासचिव वह अध्यक्ष होने का रिकॉर्ड भी सौदा के नाम है। सौरव की जीत के बाद से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने DAV जैसे महाविद्यालय में अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने की शुरुआत भी की। DAV महाविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष पद पर चुनाव जीतकर जो नीव सौरभ ने डाली उस पर एक के बाद एक विद्यार्थी परिषद के कई कार्यकर्ता छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव जीते। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से लेकर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अहम ज़िम्मेदारी निभा चुके सौरभ थपलियाल युवाओं में अच्छी ख़ासी पकड़ रखते हैं। यही वजह है न कि सौरव को टिकट मिलने के बाद से युवाओं का जोश और उत्साह देखते ही बनता है। विद्यार्थी परिषद के पुराने कार्यकर्ता भी सौरभ को टिकट मिलने के बाद से एकजुट हो गए हैं। सौरभ थपलियाल के समर्थन में युवा लामबंद हो रहा है साफ़ है कि BJP ने जिस रणनीति के तहत सौरभ को टिकट दिया है उसमें वो सफल नज़र आ रही है।

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