Sambhal Jama : उत्तर प्रदेश के संभल में हलचल काफी गरम है। संभल कोर्ट में जामा मस्जिद सर्वे रिपोर्ट पेश की जानी थी, लेकिन कोर्ट कमिश्नर के अनुरोध पर सुनवाई को आगे टाल दिया गया। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 8 जनवरी की तिथि निर्धारित की है। 19 नवंबर को संभल कोर्ट ने शाही जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर मामले में कोर्ट कमिश्नर की अगुआई में जांच का आदेश दिया था। कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में वकीलों की टीम ने मस्जिद का सर्वे किया था।
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1875 में शाही जामा मस्जिद (Sambhal Jama) का निर्माण कराया गया है। इस सर्वे में गणेश जी प्रतिमा का जिक्र किया गया था। टीले पर बनी इमारत को लेकर दावे किए गए थे। अब इसी रिपोर्ट के आधार पर हिंदू पक्ष मंदिर पर मस्जिद होने का दावा कर रहा है। हालांकि, अब कोर्ट कमिश्नर का बयान सामने आया है कि आज वे रिपोर्ट पेश नहीं करेंगे।
रिपोर्ट के लिए मांगेंगे समय
संभल कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने कहा कि चंदौसी कोर्ट में शाही जामा मस्जिद सर्वे की रिपोर्ट पेश नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम कोर्ट से 10 दिनों का समय मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट पूरी करने के बाद ही इसे जमा कराया जाएगा। 19 नवंबर को कोर्ट के आदेश के बाद कमिश्नर टीम ने शाही जामा मस्जिद का जायजा लिया था। 2 घंटे जांच की थी। इसके बाद रविवार 24 नवंबर को सर्वे किया गया। इस दौरान संभल में बवाल मच गया। अब कोर्ट कमिश्नर को अपनी रिपोर्ट पेश करनी है।
एएसआई के वकील पहुंचे कोर्ट
एएसआई के वकील विष्णु गुप्ता संभल जिला कोर्ट पहुंच गए हैं। संभल से आ रही जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को कोर्ट में केवल जामा मस्जिद सर्वे के मुद्दे पर सुनवाई होनी है। इसके अलावा कोई कार्य नहीं होना है। सर्वे रिपोर्ट पेश किए जाने के बीच बढ़ी हलचल के बीच संभल डीएम और एसपी भी कोर्ट पहुंचे हैं। यह भी दावा किया जा रहा है कि आज रिपोर्ट को कोर्ट में पेश नहीं किया जा सकता है।
1875 के सर्वे रिपोर्ट में क्या?
यूपी के संभल स्थित शाही जामा मस्जिद के 1875 सर्वे की रिपोर्ट सामने आई है। इसके तहत दावा किया जा रहा है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था। सर्वे रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मंदिर के चारों तरफ भगवान की आकृतियां दिखाई दी। वहां पर एक गणेश जी की प्रतिमा का जिक्र किया गया है, जिसको नष्ट करने का प्रयास किया गया था।
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