नई दिल्ली। Wayanad Landslides : केरल में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त हो रखा है। केरल के वायनाड में तो तबाही ही आ चुकी है। यहां भूस्खलन के चलते 308 लोगों को अब तक जान जा चुकी है।
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सेना ने 4 लोगों को जीवित ढूंढा
भारतीय सेना ने आज 4 जीवित व्यक्तियों को ढूंढ निकाला, जिनमें दो पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं।घायलों को सही ढंग से निकालने के लिए एक उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) का इस्तेमाल किया गया। वायनाड (Wayanad Landslides) पहले ही बड़े पैमाने पर भूस्खलन की मार झेल रहा है। 2 भूस्खलन के चलते अब तक 308 लोगों की मौत हो गई है।
आज बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज
वहीं, बारिश के पूर्वानुमानों के मद्देनजर त्रिशूर, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में स्कूल, कॉलेज और ट्यूशन सेंटर सहित सभी शैक्षणिक संस्थान आज यानी 2 अगस्त को बंद रहेंगे। छुट्टी की घोषणा उस समय हुई जब केरल के मौसम विभाग ने शनिवार तक वायनाड जिले में बारिश का ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है।
वायनाड के भूस्खलन प्रभावित चूरलमाला में खोज और बचाव अभियान जारी है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के अनुसार, वर्तमान में मरने वालों की संख्या 308 है।
त्रिशूर में भारी बारिश और जलभराव के कारण सामान्य जीवन प्रभावित है और स्कूलों में छुट्टी का आदेश दिया गया है।
केरल में कई स्कूल राहत शिविरों के रूप में काम कर रहे हैं।
5 अगस्त तक भारी बारिश जारी रहने की उम्मीद
मौसम विभाग की ताजा जानकारी के अनुसार, केरल में 5 अगस्त तक भारी बारिश जारी रहने की उम्मीद है।
वायनाड में भूस्खलन के तीन दिन बाद बचाव दल ढही इमारतों में फंसे लोगों को बचाने का अभियान आज भी चला रहा है।
राहुल गांधी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड का दौरा किया
बीते दिन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड के चूरलमाला में भूस्खलन प्रभावित हिस्से का दौरा किया। मीडिया को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह वायनाड के लिए एक भयानक त्रासदी है और यहां बहुत कुछ करने की जरूरत है।
मृतकों की संख्या अभी बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि कई लोग अभी भी लापता हैं। वहीं, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि मरने वालों की संख्या अब 308 हो गई है।
वायनाड जिला प्रशासन के अनुसार, मृतकों में 27 बच्चे और 76 महिलाएं शामिल हैं और ज्यादातर मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से हैं।
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