Pune Porsche Accident Case : पुणे हिट एंड रन केस में मध्यप्रदेश के रहने वाले दो इंजीनियर्स की मौत हो गई। हादसा 18 मई की रात दो बजे के करीब हुआ। इस हादसे के आरोपी नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड कोर्ट ने घटना के 15 घंटे के अंदर ही कुछ मामूली शर्तों पर जमानत दे दी। इसके बाद से मामले ने तूल पकड़ लिया है।
New Criminal Laws : एक जुलाई से लागू होने वाले तीन नए कानून को लेकर उत्तराखंड की पूरी तैयारी
सोशल मीडिया प्लेट फार्म एक्स पर वीडियो शेयर कर राहुल गांधी ने कहा कि बस ड्राइवर, ट्रक ड्राइवर, ओला-उबर और ऑटो अगर गलती से किसी को मार देते हैं तो 10 साल की सजा हो जाती है। चाबी उठाकर फेंक देते हैं। लेकिन, अगर अमीर घर का 16-17 साल का बेटा पोर्शे गाड़ी को शराब पीकर चलाता है और दो लोगों की हत्या कर देता है तो उससे कहा जाता है कि निबंध लिख दो। यह निबंध बस, ऑटो और उबर ड्राइवर से क्यों नहीं लिखवाते?
पीएम नरेंद्र मोदी से पूछा गया कि दो हिंदुस्तान बन रहे हैं, एक अरबपतियों का और एक गरीबों का। उनका जबाव आता है कि क्या मैं सबको गरीब बना दूं, सवाल यह नहीं है। सवाल न्याय का है, गरीबों और अमीरों सबको न्याय मिलना चाहिए। इसलिए हम लड़ रहे हैं, हम अन्याय के खिलाफ लड़ रहे हैं।
अब जानिए, क्या है मामला?
18 मई की रात करीब दो बजे पुणे में हाई स्पीड पोर्शे कार ने बाइक सवार अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा को कुचल दिया था। हादसा इतना भयानक था कि दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। अश्विनी जबलपुर और अनीश उमरिया का रहने वाला था। हादसे के समय कार पुणे के एक नामी बिल्डर का नाबालिग बेटा चला रहा था और वह शराब के नशे में था। 12वीं में पास होने की खुशी में उसने दोस्तों के साथ पब में एक पार्टी रखी थी। यहां से वापस लौटने समय उसने बाइक सवार अनीश और अश्विनी को टक्कर मार दी। जिस समय यह हादसा हुआ, उस दौरान कार की रफ्तार करीब 200 किमी प्रति घंटे की बताई जा रही थी।
हादसे के बाद लोगों ने दो कार सवारों को पकड़ लिया, लेकिन एक मौका मिलते ही भाग गया। पुलिस ने कार चला रहे युवक को गिरफ्तार किया, जिसकी उम्र 17 साल 8 महीने थी। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी नाबालिग को 15 घंटे के अंदर ही जमानत दे दी थी। हालांकि, पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने मीडिया को बताया कि हमने अदालत से आरोपी के साथ वयस्क जैसा व्यवहार करने का आग्रह किया था। यह जघन्य अपराध है, हमने नाबालिग की हिरासत भी मांग की है। हम कोर्ट के आदेश के खिलाफ सेशन कोर्ट जाएंगे।
इन चार मामूली शर्तों पर मिली जमानत (Pune Porsche Accident Case)
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को यरवदा ट्रैफिक पुलिस के साथ 15 दिन काम करने के आदेश दिए हैं
नशामुक्ति केंद्र के डॉक्टर से इलाज करवाने और मनोचिकित्सक से सलाह लेकर इसकी रिपोर्ट जमा करनी होगी
सड़क हादसों पर 300 शब्द का निबंध लिखना होगा
भविष्य में दुर्घटना पीड़ितों की मदद करनी होगी